Common Drilling Machine Operation

Common Drilling Machine Operation, Drilling, Through Hole Drilling, Blind Hole Drilling, Pilot Hole Drilling, Counter Boring, Counter Sinking, Counter Sinking Angle, Spot Facing, Reaming, Tapping.
ड्रिल मशीन के द्वारा गोल सुराग तो बनाया ही जाता है लेकिन उसे पर और भी अलग-अलग ऑपरेशन किया जा सकता है जिसको ड्रिलिंग मशीन ऑपरेशन के नाम से जानते हैं।

Common Drilling Machine Operation

Drilling :-

यह एक प्रकार की क्रिया है जिसमें ड्रिल बिट और ड्रिलिंग मशीन की सहायता से गोल होल बनाया जाता है।

Through Hole Drilling –

यह एक प्रकार का ऑपरेशन है जिसमें ड्रिल और ड्रिल मशीन की सहायता से किसी जॉब में उसके आर पार गोल होल किए जाते हैं।

Blind Hole Drilling –

यह एक प्रकार का ऑपरेशन है जिसमें ड्रिल बिट और ड्रिल मशीन की सहायता से किसी जॉब में उसकी मोटाई से कम गहराई में गोल होल बनाया जाता है इसमें ड्रिल जॉब के आर पार नहीं जाता है।

Pilot Hole Drilling –

यह एक प्रकार का ऑपरेशन है जिसमें ड्रिल बिट और ड्रिल मशीन की सहायता से बड़े साइज का होल करने से पहले छोटे साइज का होल बनाया जाता है।

Counter Boring :-


यह एक प्रकार की क्रिया है जिसमें ड्रिलिंग मशीन पर काउंटर बोरिंग टूल का प्रयोग करके पहले से किए गए गोल होल के एक सिरे पर कुछ गहराई में बड़े साइज का गोल होल बनाया जाता है जिसमें सॉकेट हेड वाले स्क्रू या बोल्ट का हेड आसानी से बैठ जाता है और ऊपर की सर्फेस प्लेन बनी रहती है।

Counter Sinking :-


यह एक प्रकार की क्रिया है जिसमें ड्रिलिंग मशीन पर काउंटर सिंकिंग कटर का प्रयोग करके किसी पहले से किए गए गोल होल के एक सिरे को शंकु के आकार का बनाया जाता है जिससे काउंटर सिंकिंग स्क्रू का हेड उसमें आसानी से बैठ जाता है और ऊपर की सर्फेस प्लेन बनी रहती है।

Counter Sinking Angle

विभिन्न उपयोग के लिए अलग-अलग एंगल वाले काउंटर सिंक मिलते हैं।

  • 75° काउंटरसिंकिंग रिबेट
  • 80° काउंटरसिंकिंग स्वतः चूड़ी बनाने वाले स्क्रू
  • 90° काउंटरसिंकिंग हेड स्क्रु एवं रेशे साफ करने वाले
  • 120° होल के चेंफ्रिंग सिरे जिसमें थ्रेड काटने अथवा अन्य मशीनिंग कार्य करना हो।

Spot Facing :-


यह एक प्रकार का ड्रिल मशीन ऑपरेशन है जिसमें ड्रिलिंग मशीन पर सपोर्ट फेसिंग कटर का प्रयोग करके किसी पहले से किए गए होल के एक सिरे के ऊपरी सरफेस को स्मूथ करके लेवल में लाया जाता है जिसमें बोल्ट का हेड इस स्मूथ सर्फेस पर आसानी से बैठ जाता है यह क्रिया प्रायः कास्टिंग किए हुए जॉब पर किया जाता है।

Reaming :-

यह एक प्रकार की क्रिया है जिसमें ड्रिलिंग मशीन पर मशीन रीमर का प्रयोग करके पहले से किए गए होल को एक्यूरेट साइज में लाया जाता है और उसे ज्यादा फिनिश भी किया जाता है।

Tapping :-

यह एक प्रकार की क्रिया है जिसमें ड्रिलिंग मशीन पर टैप का प्रयोग करके किसी पहले से किए गए गोल होल में थ्रेड बनाया जाता है।

FAQ :-

1. ड्रिल ग्राइंडिंग गेज का एंगल होता है?

Ans. ड्रिल ग्राइंडिंग गेज का एंगल 121° होता है।

2. ड्रिल का कटिंग एंगल धातु की हार्डनेस के अनुसार बदलता रहता है साधारण कार्य के लिए कितने डिग्री के एंगल वाले ड्रिल का प्रयोग किया जाता है?

Ans. 118°

3. ड्रिल का हेलिक्स एंगल ग्राइंडिंग करके बदला जा सकता है या नहीं?

Ans. ड्रिप के हेलिक्स एंगल को ग्राइंडिंग करके बदला नहीं जा सकता है।

दोस्तो उम्मीद है आज आपके Common Drilling Machine Operation से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

टेक बासुदेव (Tech Basudeo) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂

अगर आप टेक्निकल की वीडियो हिन्दी मे देखना पसन्द करते है, तो आप हमारे YouTube Channel Tech Basudeo को जरूर विजिट करे।

अन्य पढ़ें –

Resistance And Resistor

Electric Circuit

Ohm’s Law

Combination Set

Metal Cutting Method

Vernier Micrometer

Wire Wounde Resistor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *