वैसा कैपेसिटर जिसका कैपेसिटेंस वैल्यू अधिक से अधिक रेंज में वेरी हो सके, इसमें भी तीन टर्मिनल होता है जिसमें दो टर्मिनल फिक्स्ड तथा तीसरा वेरिएबल होता है जिसके द्वारा कैपेसिटेंस के मान को बदला जाता है।
वेरिएबल कैपेसिटर को गैंग कैपेसिटर के नाम से भी जानते हैं गैंग कैपेसिटर में अनेक वेरिएबल कैपेसिटर का कार्य होता है इसमें दो या दो से अधिक कंडक्टर प्लेट होता है पहला प्लेट फिक्स्ड होता है जबकि दूसरा या पहले के अतिरिक्त सभी प्लेट वेरिएबल होता है दोनों प्लेट या सभी प्लेट के बीच और डाई इलेक्ट्रिक का कार्य हवा (Air) करता है।
जैसे-जैसे प्लेट के बीच दूरी घटाई या बढ़ाई जाती है कैपेसिटेंस के मान में चेंजिंग होता है और इस तरह से इसके द्वारा अनेक कैपेसिटेंस वैल्यू प्राप्त किया जाता है।
Uses of Variable Capacitor
इसका मुख्य उपयोग हो गया सिग्नल ट्यूनिंग सर्किट में करते हैं।
इसके द्वारा ऑडियो या वीडियो सिग्नल के फ्रीक्वेंसी को एक्सट्रैक्ट या रिजेक्ट किया जाता है।
इसका उपयोग रेडियो रिसीवर में गैंग कैपेसिटर के रूप में जब की वीडियो या टीवी रिसीवर में ट्यूनर या चैनल सिलेक्टर के रूप में प्रयोग होता है।
FAQ
दोस्तो उम्मीद है आज आपके Variable Capacitor से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
टेक बासुदेव (Tech Basudeo) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂
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Semi-variable Capacitor, Trimer, Padder, Uses of Trimer/Padder, Semi-variable Capacitor.
Semi-variable Capacitor
वैसा कैपेसिटर जिसका कैपेसिटेंस वैल्यू कम से कम रेंज में चेंज किया जा सके उसे सेमी वेरिएबल कैपेसिटर कहते हैं।
इसका मुख्यतः तीन टर्मिनल होता है जिसमें दो फिक्स्ड तथा तीसरा वेरिएबल होता है जिसके द्वारा कैपेसिटेंस के मान को चेंजिंग किया जाता है।
यह मुख्य रूप से दो तरह का होता है।
Trimer
यह बहुत छोटा बटन के आकार का सेमी वेरिएबल कैपेसिटर होता है इसका एक प्लेट बैकलाइट या पोर्सलिन पर फिक्स्ड रहता है जबकि दूसरा प्लेट स्क्रू के सहारे आगे पीछे किया जाता है दोनों प्लेट के बीच माइका शीट डाई इलेक्ट्रिक का कार्य करता है इसका कैपेसिटेंस वैल्यू 3 PF से 30 PF या 4 PF से 70 PF के बीच होता है।
Padder
इसकी बनावट तथा वर्किंग लगभग ट्रिमर के समान ही होता है लेकिन इसका फिजिकल साइज बड़ा होता है तथा कैपेसिटेंस वैल्यू 400 PF से 600 PF तक वेरी करता है।
Uses of Trimer/Padder
इसका मुख्य उपयोग है फाइंड ट्विनिंग सर्किट में किया जाता है।
इसको आवश्यक ऑडियो या वीडियो सिग्नल को शुद्ध करने में करते हैं जैसे रेडियो रिसीवर, टीवी रिसीवर इत्यादि।
FAQ
दोस्तो उम्मीद है आज आपके Semi-variable Capacitor से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
Fixed capacitor, Non-Electrolyte Capacitor, Properties of Non-Electrolyte Capacitor, Types of Non-Electrolyte Capacitor, Fixed capacitor, Paper Capacitor, Plastic film type Capacitor, Mica Capacitor, Cermic Capacitor, Electrolytic Capacitor, Fixed capacitor.
Fixed capacitor
वैसा कैपेसिटर जिसका कैपेसिटेंस वैल्यू समय के साथ स्थिर हो फिक्स्ड कैपेसिटर कहलाता है।
यह मुख्य रूप से दो तरह का होता है।
Non-Electrolyte Capacitor –
वैसा कैपेसिटर जिसमें डाई इलेक्ट्रिक पदार्थ के रूप में नॉन इलेक्ट्रोलाइट पदार्थ का प्रयोग किया गया हो जैसे पेपर, माईका, सिरामिक, प्लास्टिक इत्यादि।
Properties of Non-Electrolyte Capacitor
इसमें पॉजिटिव नेगेटिव टर्मिनल नहीं होता है करण की इसके डाई इलेक्ट्रिक पदार्थ का इलेक्ट्रोलिसिस क्रिया आसानी से ना होता है।
इसे नॉनपोलर या सिंपल कैपेसिटर के नाम से भी जाना जाता है कारण कि इसमें कोई पोल (ध्रुव) ना होता है।
इसका फिजिकल साइज छोटा होता है यानी स्मॉल साइज, लाइट वेट, लो कॉस्ट, वाला कैपेसिटर होता है।
इसका कैपेसिटेंस वैल्यू लो होता है।
इसका कैपेसिटेंस वैल्यू रेंज जनरली (P.F) Pico farad में होता है।
इसका वोल्टेज रेट तथा पावर रेट कम होता है।
इसके द्वारा इलेक्ट्रिकल एनर्जी कम हो पता है Q यानी चार्ज का मान कम होता है।
Uses Non-Electrolyte Capacitor
इसका मुख्य उपयोग लो वोल्टेज हाई फ्रीक्वेंसी सर्किट में करते हैं।
इसका उपयोग जनरली इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में करते हैं जैसे रेडियो, टीवी, कंप्यूटर, टेलीफोन इत्यादि।
Types of Non-Electrolyte Capacitor
Paper Capacitor –
वैसा कैपेसिटर जिसमें डाइलेक्ट्रिक मैटेरियल्स के रूप में टिशू पेपर या क्राफ्ट पेपर का प्रयोग किया गया हो उसे पेपर कैपेसिटर कहते हैं।
Properties Paper Capacitor
इसका आकार रोल्ड फोल्ड या सिलैंडरिकल होता है।
इसका कैपेसिटेंस वैल्यू 0.0001 μf से 10 μf (PF to μF)
इसका वर्किंग वोल्टेज 200 वोल्ट से लेकर 1600 वोल्ट डीसी होता है।
Uses Paper Capacitor
इसका मुख्य उपयोग मोटर स्टार्टर सर्किट में होता है।
इलेक्ट्रिकल पावर सप्लाई फिल्टर सर्किट में इसका इस्तेमाल करते हैं।
Plastic film type Capacitor
वैसा कैपेसिटर जिसमें डाई इलेक्ट्रिक पदार्थ के रूप में Polostrine matalized polister का इस्तेमाल होता है।
Properties of Plastic film type Capacitor
इसका आकार रोल्ड फोल्ड होता है।
कैपेसिटर वैल्यू लोएस्ट यानी P.F रेंज से Minimum micro frad होता है।
इसका वर्किंग वोल्टेज 100 वोल्ट से 200 वोल्ट डीसी जबकि मेटलाइज्ड पॉलिएस्टर का 400 वोल्ट एसी होता है।
Uses of Plastic film type Capacitor
इसका उपयोग हो गया हाई फ्रीक्वेंसी सर्किट में करते हैं।
मेटालाइज पॉलिएस्टर कैपेसिटर का प्रयोग एसी मोटर सर्किट में करते हैं।
Mica Capacitor
वैसा कैपेसिटर जिसमें डाई इलेक्ट्रिक के रूप में रोज माईका, अंबर माईका, वाइट माईका का प्रयोग किया जाता है।
Properties of Mica Capacitor
इसका आकार स्टैक्ड (चौकोर चपटा) होता है।
इसका कैपेसिटेंस वैल्यू को यानी पीएफ रेंज में होता है (5 PF से 10³ PF)
इसका वर्किंग वोल्टेज 50 वोल्ट से 100 वोल्ट (50 वोल्ट से 500 वोल्ट व्हाइट माइका का) होता है।
Uses of Mica Capacitor
इसका उपयोग हाई फ्रीक्वेंसी सर्किट तथा वेरी हाई फ्रीक्वेंसी सर्किट में करते हैं जैसे कलर टीवी, लाइन फीडर सर्किट अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी।
Cermic Capacitor
वैसा कैपेसिटर जिसमें डाई इलेक्ट्रिक पदार्थ के रूप में सेरेमिक पदार्थ जैसे मैग्नीशियम ऑक्साइड, टाइटेनियम ऑक्साइड का प्रयोग करते हैं।
Properties Cermic Capacitor
इसका आकार माड्यूलेटेड ट्यूब के रूप में होता है।
इसका कैपेसिटेंस वैल्यू पीएफ रेंज में होता है। ( 1 PF से 10³PF)
इसका वर्किंग वोल्टेज 500 वोल्ट से 5 किलो वोल्ट डीसी होता है।
Uses of Cermic Capacitor
इसका मुख्य उपयोग है वेरी हाई फ्रीक्वेंसी तथा अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी सर्किट में करते हैं।
Electrolytic Capacitor
वैसा कैपेसिटर जिसमें डाई इलेक्ट्रिक पदार्थ के रूप में इलेक्ट्रोलाइट पदार्थ का प्रयोग करते हैं।
इलेक्ट्रोलाइट पदार्थ के रूप में अल्युमिनियम ऑक्साइड या टाइटेनियम पेंटोक्साइड प्रयोग करते हैं।
Properties of Electrolytic Capacitor
इसमें पॉजिटिव तथा नेगेटिव टर्मिनल होता है करण की डाइलेक्ट्रिक के रूप में इलेक्ट्रोलाइट पदार्थ मौजूद होता है जिसका विद्युत विच्छेदन आसानी से होता है।
पॉजिटिव नेगेटिव टर्मिनल होने के कारण इसे बाइपोलर कैपेसिटर के नाम से भी जानते हैं।
इसका कैपेसिटेंस वैल्यू अधिक है यानी MF (Micro Farad) में होता है।
इसका फिजिकल साइज बड़ा होता है।
इसका वोल्टेज रेट 5 वोल्ट से 500 वोल्ट या 3 वोल्ट से 125 वोल्ट डीसी होता है।
Uses of Electrolytic Capacitor
इलेक्ट्रिकल पावर सप्लाई फिल्टर सर्किट में प्रयोग करते हैं।
स्पेस टेक्नोलॉजी में प्रयोग होता है।
FAQ
तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके Fixed capacitor से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
Capacitor / Condensor, Capacitor and Capacitance, Main work and use of capacitor, Capacatince depende on, Number of plate, Di-electric thickness, Space between plate, Di-electric constante/strength, Length of plate.
दो कंडक्टर प्लेट के बीच इंसुलेटिंग मैटेरियल डाल दिया जाए और उसमें चार्जिंग तथा डिस्चार्ज की क्रिया हो तो उसे कैपेसिटर या कंडेनसर कहते हैं।
कैपेसिटर में जो कंडक्टर प्रयोग होता है उसे प्लेट कहते हैं जबकि इंसुलेटिंग मैटेरियल को डाई इलेक्ट्रिक के रूप में जाना जाता है सभी डाई इलेक्ट्रिक इंसुलेटर होता है लेकिन सभी इंसुलेटर डाई इलेक्ट्रिक नहीं हो सकता है। यह दो टर्मिनल का कंपोनेंट होता है।
Capacitor / Condensor
Capacitor and Capacitance
कैपेसिटर के द्वारा इलेक्ट्रिकल एनर्जी स्टोर करने की क्षमता कैपेसिटेंस कहलाता है इसे C से सूचित करते हैं और इसका यूनिट Farad होता है।
बेसिक यूनिट Farad होता है लेकिन यह डिफरेंट वैल्यू में उपलब्ध होता है जैसे Mili Farad, Micro Farad, Naino Farad तथा Pico Farad होता है।
एक दूसरे के बीच निम्न संबंध होता है।
Main work and use of capacitor
यह इलेक्ट्रिकल एनर्जी को स्टोर करता है।
यह AC को पास करता है तथा DC को ब्लॉक करता है।
यह फिल्टर सर्किट का काम करता है।
यह कपलिंग सर्किट का काम करता है।
यह बाईपास सर्किट का काम करता है जिसके द्वारा अनवांटेड सिग्नल या सप्लाई को पास किया जाता है।
यह पावर फैक्टर के मान को बढ़ाता है।
इसके द्वारा लोडिंग इफेक्ट को कम किया जाता है।
फेज को कंट्रोल करता है।
यह सप्लाई के करंट को लीड करता है तथा वोल्टेज को लेग करता है।
Capacatince depende on
Number of plate –
अगर कैपेसिटर या कंडेनसर में कंडक्टर प्लेट की संख्या बढ़ा दिया जाए तो कैपेसिटेंस वैल्यू का मन बढ़ जाता है जबकि प्लेट का संख्या घटा दिया जाए तो कैपेसिटेंस वैल्यू घट जाता है।
Di-electric thickness –
अगर कैपेसिटर का डाइलेक्ट्रिक मैटेरियल का मोटाई बढ़ा दिया जाए तो कैपेसिटेंस भैलू घट जाता है जबकि डाई इलेक्ट्रिक मोटाई घटा दे तो कैपेसिटेंस वैल्यू बढ़ जाता है।
Space between plate –
अगर कैपेसिटर में दो प्लेट के बीच के दूरी को बढ़ा दिया जाए तो कैपेसिटेंस भैलू घट जाता है जबकि दोनों प्लेट के बीच की दूरी घटा दिया जाए तो कैपेसिटेंस भैलू बढ़ जाता है।
Di-electric constante/strength –
कैपेसिटर का कैपेसिटेंस डाइलेक्ट्रिक कांस्टेंट या डाइलेक्ट्रिक स्ट्रैंथ के वैल्यू पर निर्भर करता है करण की प्रत्येक डाई इलेक्ट्रिक मैटेरियल का कांस्टेंट/स्ट्रैंथ वैल्यू अलग-अलग होता है।
Length of plate –
अगर प्लेट की लंबाई बढ़ा दिया जाए तो कैपेसिटेंस वैल्यू बढ़ जाता है।
FAQ
1. कैपेसिटर का कैपेसिटेंस किस पर निर्भर करता है?
Ans कैपेसिटर का कैपेसिटेंस डाइलेक्ट्रिक कांस्टेंट या डाइलेक्ट्रिक स्ट्रैंथ के वैल्यू पर निर्भर करता है।
तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके Capacitor / Condensor से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
Resistor Connection, Resistor in series, Resistor in parallel, Krichoft current law(K.C.L), Krichoft voltag law(K.V.L), Wheat stone bridge meter.
जब एक से अधिक रजिस्टर को एक दूसरे के साथ जोड़ा जाता है तब इस जोड़ने की प्रक्रिया को रजिस्टर कनेक्शन कहते हैं यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है।
Resistor Connection
Resistor in series
जब पहले रजिस्टर का दूसरा टर्मिनल दूसरे रजिस्टर का पहला टर्मिनल से, जबकि दूसरे रजिस्टर का दूसरा टर्मिनल तीसरे रजिस्टर के पहले टर्मिनल से जुड़ा हो तो ऐसा कनेक्शन रजिस्टर इन सीरीज कहलाता है।
अगर इस सर्किट में सप्लाई दिया जाए तो सर्किट में करंट का मान एक समान होता है। जबकि वोल्टेज का मान अलग-अलग होता है। जिसका भैलू प्रत्येक रजिस्टर के रेजिस्टेंस वैल्यू पर निर्भर करता है।
इस सर्किट में टोटल रजिस्टेंस का मांस बढ़ जाता है।
According to Circuit
V = V + V₂ + V₃
I.R = I.R + I.R₂ + I.R₃
R = R + R₂ + R₃
Resistor in parallel
जब सभी रजिस्टर का पहला टर्मिनल एक जगह एक साथ जबकि सभी रजिस्टर का दूसरा टर्मिनल दूसरे जगह एक साथ जोड़ दिया जाए तो ऐसा कनेक्शन रजिस्टर इन पैरलल कहलाता है अगर इस सर्किट में सप्लाई दिया जाए तो करंट अलग अलग होता है कारण है कि करंट के जाने का रास्ता अलग अलग होता है जबकि वोल्टेज का मान एक समान होता है कारण कि सभी रजिस्टर के सापेक्ष पोटेंशियल डिफरेंस का मान एक समान होता है।
इस कनेक्शन में टोटल रजिस्टेंस का माने घट जाता है।
किसी जक्सन पॉइंट पर आने वाला करंट तथा जाने वाला करंट का बीजगणितीय योग सुन्न होता है या किसी जंक्शन पॉइंट पर आने वाले करंट का योगफल जाने वाले करेंगे के योगफल के बराबर होता है।
Krichoft voltag law(K.V.L)
किसी बंद सर्किट में दिया गया ई.एम.एफ तथा करंट और रजिस्टेंस के गुणनफल का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
Wheat stone bridge meter
तीन नोन (known) रजिस्टर के द्वारा चौथे अननोन (Unknown) रजिस्टर का मान ज्ञात करने वाला मीटर व्हीटस्टोन ब्रिज मीटर कहलाता है।
PI = RI₂
QI = SI₂
PI/QI = RI₂/SI₂
P/Q = R/S
Where
P, Q, R = Known Resistor
S = Unknown Resistor
P तथा Q रजिस्टर का वैल्यू फिक्स होता है जबकि R वेरिएबल रजिस्टर होता है जिसका रजिस्टेंस वैल्यू 1 ओम से 5000 ओम तक वैरी करता है। इसके द्वारा पोस्ट ऑफिस बॉक्स का निर्माण करते हैं जिसके द्वारा अननोन (Unknown) रजिस्टर का मान ज्ञात करते हैं।
P और Q रजिस्टर का रजिस्टर रेशियो
1 : 1, 1 : 10, 1 : 100 या 10 : 1, 100 : 1 होता है।
FAQ’s
1. तीन नोन (known) रजिस्टर के द्वारा चौथे अननोन (Unknown) रजिस्टर का मान ज्ञात करने वाला मीटर क्या कहलाता है?
दोस्तो उम्मीद है आज आपके Resistor Connection से संबंधित सभी प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
टेक बासुदेव (Tech Basudeo)से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂
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Spacel Type Resistor, Light deppendent Resistor ( L.D.R), Voltag deppendent Resistor या Varicstur deppendent Resistor, Thermister and sensistor, Uses of Thermister and sensistor.
हम अपनी आवश्यकता अनुसार अलग-अलग टाइप का रजिस्टर बना करके अपने काम के अनुसार उसे उपयोग में लाते हैं। तो इस प्रकार का जो रजिस्टर होता है। उसे स्पेशल टाइप रजिस्टर के नाम से जानते हैं।
Spacel Type Resistor
Light deppendent Resistor ( L.D.R) :-
वैसा रजिस्टर जिसका रजिस्टेंस वैल्यू लाइट से प्रभावित होता है। लाइट डिपेंडेंट रजिस्टर ( L.D.R ) के नाम से जानते हैं। इसका मुख्य उपयोग सोलर सिस्टम में ऑटोमेटिक स्विच के रूप में किया जाता है। यह सेलेनियम का बना होता है।
Voltag deppendent Resistor या Varicstur deppendent Resistor :-
वैसा रजिस्टर जो सर्किट में वोल्टेज को कंट्रोल करता हो यानी इसका रजिस्टेंस भैलू वोल्टेज से प्रभावित होता है। इसका उपयोग सर्किट में वोल्टेज को कंट्रोल करने में करते हैं। जैसे टीवी, मोटर इत्यादि।
Thermister and sensistor
वैसा रजिस्टर जिसका रजिस्टेंस वैल्यू ताप से प्रभावित होता है। थर्मिस्टर तथा सेंसिस्टर कहलाता है।
थर्मिस्टर पॉजिटिव टेंपरेचर कॉएफिशिएंट (P.T.C) रजिस्टर होता है। यानी जैसे-जैसे हिट का मान बढ़ता है रजिस्टेंस का मान भी बढ़ जाता है। और करंट फ्लो बंद हो जाता है। जिससे सर्किट जलने से बच जाता है। जबकि सेंसिस्टर नेगेटिव टेंपरेचर कॉएफिशिएंट(N.T.C) रजिस्टर होता है। यानी जैसे-जैसे हीट का मान बढ़ता है तो रजिस्टेंस का मान घट जाता है तथा करंट तेजी से फ्लो करता है।
Uses of Thermister and sensistor
इसका मुख्य उपयोग ऑटोमेटिक सर्किट में हीट को कंट्रोल करने के लिए करते हैं। जैसे टीवी। कंप्यूटर इत्यादि।
यह निकल आयरन या निकल ऑक्साइड का बना होता है।
FAQ’s
1. वैसा रजिस्टर जिसका रजिस्टेंस वैल्यू ताप से प्रभावित होता है उसे कहते है?
दोस्तो उम्मीद है आज आपके Spacel Type Resistor से संबंधित सभी प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
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Wire Wounde Resistor, Properties of Wire Wounde Resistor, Uses of Wire Wounde Resistor, Types of Wirewound Resistor, Fixed type Wirewound Resistor, Semi Variable Resistor, Rheostat.
वैसा रजिस्टर जो किसी इंसुलेटिंग मैटेरियल पर रेजिस्टेंस वायर को लपेटकर तैयार किया गया हो उसे वायरवाउंड रजिस्टर कहते हैं।
रेजिस्टेंस वायर के रूप में यूरेका का प्रयोग होता है जबकि इंसुलेटिंग मैटेरियल के रूप में चीनी मिट्टी की खोखली नली या पोर्सलिन का प्रयोग होता है।
Wire Wounde Resistor
Properties of Wire Wounde Resistor
Physical size big.
Wateg vallu heigh.
Resistance vallu low.
Current rate heigh.
Voltage rate heigh.
Tolarance minimum. (लगभग 1%)
Uses of Wire Wounde Resistor
इसका मुख्य उपयोग है हाई वोल्टेज सर्किट में करते हैं।
इसका अधिकतर उपयोग ए इलेक्ट्रिकल सर्किट में जैसे फैन रेगुलेटर मोटर इत्यादि में करते हैं।
वैसा वायरवाउंड रजिस्टर जिसका रेजिस्टेंस वैल्यू स्थिर हो इसमें टर्मिनल का संख्या दो होता है।
Uses Fixed type Wirewound Resistor
इसका उपयोग इलेक्ट्रिकल सर्किट में रजिस्टेंस का मान स्थिर रखने में करते हैं जिससे करंट तथा वोल्टेज का मान स्थिर प्राप्त हो।
Tapped type Wirewound Resistor –
वैसा वायरवाउंड रिजिस्टर जिसमें रेजिस्टेंस वायर को टैप्ड कर के अनेक टर्मिनल प्राप्त किया गया हो इसमें दो से अधिक टर्मिनल होता है।
Uses Tapped type Wirewound Resistor
इसका उपयोग फैन रेगुलेटर सर्किट में करते हैं।
Adjustable / Rheostat type Wirewound Resistor –
वैसा वायरवाउंड रजिस्टर जिसके द्वारा पॉइंट से पॉइंट तक रजिस्टेंस के मान को बदला जाए। इसमें मुख्य तीन टर्मिनल होता है तथा इसमें दो टर्मिनल फिक्स तथा तीसरा वेरिएबल होता है। जिसके द्वारा आवश्यकता अनुसार पॉइंट टू पॉइंट रजिस्टेंस के मानकों बदला जाता है।
Rheostat –
यह एडजेस्टेबल टाइप ही वायरवाउंड रजिस्टर जैसा होता है। लेकिन इसका साइज बड़ा होता है जो स्टैंड के सहारे टेबल पर रखा जाता है।
Uses Adjustable / Rheostat type Wirewound Resistor
इसका उपयोग है प्रैक्टिकल लैब में इलेक्ट्रिकल नियम को साबित करने के लिए करते हैं जैसे Ohm’s Law.
Semi Variable Resistor
वैसा रजिस्टर जिसका रजिस्टेंस वैल्यू कम से कम रेंज में वैरी किया जा सके उसे सेमी वेरिएबल रेजिस्टर या प्रीसेट के नाम से जाना जाता है।
इसका साइज बहुत छोटा लगभग बटन के आकार का होता है। इसमें मुख्यतः तीन टर्मिनल होता है दो टर्मिनल फिक्स्ड जबकि तीसरा वेरिएबल होता है। जिसके द्वारा रजिस्टेंस के मान कों बदला जाता है।
Uses of Semi Variable Resistor
इसका उपयोग टेक्नीशियन के द्वारा स्क्रुड्राइवर से वेरिएबल टर्मिनल को वैरी करके रजिस्टेंस के मान को चेंज किया जाता है।
इसका अधिकतर उपयोग इलेक्ट्रॉनिक फील्ड में जैसे रेडियो, टीवी, टेलीफोन इत्यादि सर्किट में करते हैं।
Variable Resistor
वैसा रजिस्टर जिसका रजिस्टेंस वैल्यू अधिक से अधिक रेंज में आवश्यकता अनुसार घटाया या बढ़ाया जा सके उसे वेरिएबल रजिस्टर कहते हैं।
इसमें भी मुक्ता 3 टर्मिनल होता है दो टर्मिनल पिछले जबकि तीसरा वेरिएबल होता है। जैसे Rehostat, Potencometer, Volum control (V.C), Tone control (T.C)
Types of Variable Resistor
Linear Type Variable Resistor –
वैसा वेरिएबल रजिस्टर जिसमें रेजिस्टेंस वैल्यू समान अनुपात या एक समान चेंज होता है। लीनियर टाइप वेरिएबल रजिस्टर कहलाता है जैसे – Rehostat या Sliding type Resistor, Adjustable Wirewound Resistor.
Non Linear Type Variable Resistor –
वैसा वेरिएबल रेजिस्टर जिसमें रजिस्टेंस वैल्यू समान अनुपात या एक समान चेंज ना होता हो, इसका रजिस्टेंस वैल्यू पोटेंशियल या रोटरी एंगल पर निर्भर करता है। जैसे पोटेंशियोमीटर।
Log Type Variable Resistor –
वैसा वेरिएबल रजिस्टर जिसमें दो रजिस्टेंस का मान लॉग पर निर्भर करता है। जैसे वॉल्यूम कंट्रोल(VC), टोन कंट्रोल(T.C)।
Potentio meter variable Resistor –
वैसा वेरिएबल रेजिस्टर जिसमें रजिस्टेंस आवश्यकता अनुसार चेंज किया जा सके यह अधिकांश रोटरी टाइप का होता है। जिसके इंटरनल पार्ट्स में कार्बन मटेरियल का लेयर चढ़ा होता है। जिस पर रोटरी स्विच का आर्म टच करता है। जैसे-जैसे आर्म रोटेट होता है। रोटरी एंगल के अनुसार रजिस्टेंस के मान में चेंजिंग होता है। जैसे V.C, T.C इसे लो वोल्टेज या इलेक्ट्रॉनिक फील्ड में प्रयोग करते हैं।
Rheostat –
यह वेरिएबल स्लाइडिंग टाइप का रजिस्टर होता है। जो रजिस्टेंस वायर से बना होता है। इसका उपयोग इलेक्ट्रिकल फील्ड या हाई वोल्टेज में किया जाता है।
FAQ’s
1. वैसा रजिस्टर जिसका रजिस्टेंस वैल्यू अधिक से अधिक रेंज में आवश्यकता अनुसार घटाया या बढ़ाया जा सके उसे कहते हैं?
Ans वेरिएबल रजिस्टर कहते हैं।
2. वैसा रजिस्टर जिसका रजिस्टेंस वैल्यू कम से कम रेंज में वैरी किया जा सके उसे कहते हैं?
Ans सेमी वेरिएबल रेजिस्टर या प्रीसेट के नाम से जाना जाता है।
Resistance And Resistor, Fixed Resistor, Carbon Resistor, Properties of carbon Resistor, Used of carbon Resistor.
करंट के बहाव में विरोध उत्पन्न होने की क्रिया को रजिस्टेंस कहते हैं जिसके द्वारा करंट के बहाव में विरोध किया जाए उसे रजिस्टर कहते हैं इसे R से सूचित करते हैं तथा इसका यूनिट ओम (Ω) में होता है।
Resistance And Resistor
Types of Resistor
Fixed Resistor :-
वैसा रजिस्टर जिसका रेजिस्टेंस वैल्यू समय के साथ स्थिर हो उसे फिक्स रजिस्टर कहते हैं। यह मुख्य रूप से दो तरह का होता है।
Carbon Resistor –
वैसा फिक्स टाइप रजिस्टर जो कार्बन के चूर्ण या ग्रेफाइट के द्वारा रेजीन की सहायता से तैयार किया गया हो उसे कार्बन रजिस्टर कहते हैं।
Properties of carbon Resistor
Small size (छोटा आकार)
Light weight (वजन में हल्का)
Low cost (कीमत कम)
Portable.
Resistance vallu height – K Ω से M Ω तक।
Power Rate या wateg vallu low.
Wateg vallu range 1/8 W से 2 W.
Vallu calculated by colour coad.
Used of carbon Resistor
इसका उपयोग कम वोल्टेज और ज्यादा फ्रिकवेंसी सर्किट में करते हैं।
इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स फील्ड में अधिकतर करते हैंं। जैसे रेडियो, टीवी, कंप्यूटर इत्यादि।
Colour code of carbon Resistor
Trick for remember colour code.
BB ROY GRAT BRITINA VERY GOOD WHIT.
FAQ’s
1. कार्बन रजिस्टर का वैल्यू कैसे कैलकुलेट करते हैं?
Ans कार्बन रजिस्टर का वैल्यू कलर कोड के द्वारा निर्धारित किया जाता है।
2. कम वोल्टेज और हाई फ्रिकवेंसी सर्किट में किस प्रकार के रजिस्टर का उपयोग करेंगे?
Ans कार्बन रजिस्टर का इस्तेमाल करते हैं।
3. कार्बन रजिस्टर का वाटेज वैल्यू रेंज होता है?
Ans Wateg vallu range 1/8 W से 2 W.
4. रेजिस्टेंस का यूनिट क्या होता है?
Ans इसका यूनिट ओम (Ω) में होता है।
दोस्तो उम्मीद है आज आपके Resistance And Resistor से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।