Try Square

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ट्राई स्क्वायर एक प्रकार का चेकिंग व मार्किंग टूल्स होता है जिसका मुख्य कार्य किसी जॉब को 90 डिग्री के कोण में चेक करने के लिए किया जाता है इसके द्वारा किसी जॉब की समतलता को भी चेक किया जा सकता है इसका प्रयोग मार्किंग करते समय 90 डिग्री कोण में रेखाएं खींचने के लिए भी करते हैं इसका बनावट में एक ब्लेड होता है और दूसरा स्टॉक होता है जिनको आपस में 90 डिग्री के कोण में रिबेट करके जोड़ दिया जाता है।
ट्राई स्क्वायर का ब्लेड हाई कार्बन स्टील से बनाकर हार्डवेयर टेंपर्ड कर दिया जाता है और इसका स्टॉक कास्ट आयरन, स्टील या एल्युमिनियम इत्यादि का बना होता है।

Try Square

Types of Try Square

Fixed Try Square


इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर में ब्लेड को स्टॉक के साथ 90 डिग्री के को में रिबेट करके जोड़ दिया जाता है जिससे ब्लेड इसके स्टॉक के साथ एक ही स्थान पर स्थिर रहता है इस प्रकार का ट्राई स्क्वायर प्रायः साधारण कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

Adjustable Try Square

इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर में ब्लेड को स्टॉक के साथ रिबेट के द्वारा नहीं जोड़ते हैं बल्कि इसके स्टॉक के ऊपरी सिरे पर एक ग्रूव कटा होता है जिसमें एक पिन फिट रहती है और पीन को एक लर्निंग किए हुए नट के द्वारा एडजस्ट किया जा सकता है इसके ब्लेड के बीच में पूरी लंबाई तक एक आयताकार आकार की नली कटी होती है इस प्रकार जब ब्लेड को स्टॉक के ग्रूव में डाला जाता है तो पीन का बढ़ा हुआ भाग ब्लेड की नली में फंस जाता है और जब नट को घुमाया जाता है तो वह प्लेट को स्टॉक के साथ सही स्थान पर टाइट कर देता है इस प्रकार के ट्राई स्क्वायर का प्रयोग वहां पर किया जाता है जहां पर फिक्स्ड स्क्वायर का प्रयोग नहीं किया जा सकता है अर्थात जहां पर चेक करने वाली भुजा छोटी हो।

FAQ

Q. ट्राई स्क्वायर के द्वारा कितने डिग्री के एंगल को चेक कर सकते हैं?

Ans इसके द्वारा किसी भी जॉब को 90 डिग्री के एंगल में चेक करते हैं।

Q. ट्राई स्क्वायर के स्टॉक को बनाने के लिए किस धातु का इस्तेमाल करते हैं?

Ans. इसका स्टॉक कास्ट आयरन, स्टील या एल्युमिनियम इत्यादि का बना होता है।

Q. ट्राई स्क्वायर के स्टॉक और ब्लेड के बीच में एक एक ग्रूव क्यों बनाया जाता है?

Ans. जॉब के एज को जगह देने के लिए, जिससे कि मेजरमेंट करेक्ट आए।

दोस्तो उम्मीद है आज आपके Try Square से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

टेक बासुदेव (Tech Basudeo) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂

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Calipers

Calipers, Types of Calipers, Outside Calipers, Inside Calipers, Jenny Calipers

कैलिपर एक प्रकार का इनडायरेक्ट इमेजिंग टूल्स होता है जिसका प्रयोग स्टील रूल की सहायता से किसी जॉब की लंबाई चौड़ाई मोटाई का माप लेने के लिए करते हैं इसको प्राय: हाई कार्बन स्टील या माइल्ड स्टील का बनाया जाता है।

Calipers

Types of Calipers

Outside Calipers

इस प्रकार के कैलिपर्स में इनकी दोनों टांगें अंदर की और अर्धगोलाकर आकार में मुड़ी होती है इसका अधिकतर प्रयोग किसी जॉब के बाहरी माप को लेने के लिए करते हैं जैसे किसी गोल जॉब के बाहरी डायमीटर का माप लेना और किसी चपटे जॉब की लंबाई चौड़ाई और मोटाई में माप लेना हो। इसकी रीडिंग लेने के लिए स्टील रूल का प्रयोग करना पड़ता है।

Inside Calipers

इस प्रकार के कैलिपर्स में इनकी दोनों टांगे पॉइंट से बाहर की ओर मुड़ी होती है इनका अधिकतर प्रयोग अंदरुनी माप लेने के लिए किया जाता है जैसे किसी जॉब के होल के अंदर का माप लेना और किसी जॉब में ग्रूव की चौड़ाई का माप लेना हो। इसका भी रीडिंग लेने के लिए स्टील रूल का प्रयोग करना पड़ता है।

Jenny Calipers

इस प्रकार के कैलिपर्स की एक टांग सीधी होती  सिरा तेज धार वाला होता है और दूसरी टांग पॉइंट से अंदर की ओर मुड़ी होती है इसको आडलेग या हेर्मफ्रोडाइट कैलीपर के नाम से भी जाना जाता है।

इसका अधिकतर प्रयोग किसी जॉब के फिनिश किए हुए सिरे से समानांतर रेखाएं खींचने के लिए किया जाता है।

इसका प्रयोग किसी गोल जॉब का सेंटर पता करने के लिए भी किया जाता है।

FAQ

Q. जेनी कैलिपर को और किस नाम से जानते है?

Ans इसको आडलेग या हेर्मफ्रोडाइट कैलीपर के नाम से भी जाना जाता है।

Q. कैलिपर को प्रायः किस धातु से बनाते है?

Ans इसको प्राय: हाई कार्बन स्टील या माइल्ड स्टील का बनाया जाता है।

दोस्तो उम्मीद है आज आपके कैलिपर से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

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Marking Punch

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Dot Punch, Centre Punch, Prick Punch, Automatic Punch.

Marking Punch

मार्किंग की गई लाइन को पक्का बनाने के लिए जिस मार्किंग टूल्स का प्रयोग करते हैं उसे पंच कहते हैं पंच के द्वारा मार्किंग की हुई लाइनों पर डॉट लगा दिया जाता है जिससे की हुई मार्किंग जॉब बनाने के अंतिम समय तक दिखाई देता है इसका बॉडी अष्टभुजाकार होता है या उसे बेलनकार बनाकर नर्लिंग कर दिया जाता है पंच प्राय: हाई कार्बन स्टील का बनाया जाता है और इसके पॉइंट को हार्ड और टेंपर कर दिया जाता है।

Types of Punch

Dot Punch


इस प्रकार के पंच के पॉइंट का एंगल 60 डिग्री के कोण में ग्राइंड करके बनाया जाता है इसका प्रयोग मार्किंग करने के पश्चात लाइन पर डॉट लगाकर उन्हें स्थाई बनाने के लिए किया जाता है।

Centre Punch

इसके पॉइंट को 90 डिग्री के कोण में ग्राइंड करके बनाया जाता है जिसका मुख्य प्रयोग ड्रिल होल करने के लिए उसके सेंटर पॉइंट की पंचिंग करने के लिए किया जाता है क्योंकि कटिंग एंगल बड़ा होता है इसलिए जो डॉट लगाया जाएगा वह कुछ बड़े आकार का और अधिक गहरा लगेगा जिससे ड्रिल का वेब उसमें आसानी से बैठ जाएगा, इस प्रकार ड्रिल होल सेंटर में होगा और आउट नहीं हो पाएगा।

Prick Punch


इसके पॉइंट को 30 डिग्री के को में ग्राइंड करके बनाया जाता है इसका प्रयोग है प्राय: नरम धातु  के जॉब पर की हुई मार्किंग की लाइन को डॉट लगाकर स्थाई करने के लिए किया जाता है जैसे तांबा, पीतल, एल्युमिनियम के जॉब इत्यादि।

Automatic Punch

इस प्रकार का पंच एक प्रकार का आधुनिक पंच होता है जिसका प्रयोग करते समय मार्किंग हैमर से चोट लगने की आवश्यकता नहीं होती है इसमें एक स्प्रिंग लगा होता है और एक नर्लिंग की हुई कैप होती है यदि काम गहरा पंच लगाना हो तो कैप को घुमाकर नीचे की ओर कर दिया जाता है पंचिंग करते समय इसको हाथ से दबाव डाला जाता है जिससे स्प्रिंग की सहायता से पंच का निशान लग जाता है इसका पॉइंट कार्य के अनुसार 90 डिग्री या 60 डिग्री के कोण में होता है।

FAQ

1. सेंटर पंच के पॉइंट का एंगल कितना होता है?

Ans. 90°

2. डॉट पंच के पॉइंट का एंगल कितना होता है?

Ans 60°

3. प्रिक पंच के पॉइंट का एंगल कितना होता है?

Ans 30°

दोस्तो उम्मीद है आज आपके Marking Punch से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

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