Ohm’s Law

Ohm’s Law

Ohm’s Law किसी बंद परिपथ से प्रवाहित होने वाली धारा परिपथ में जुड़े हुए प्रतिरोध के दोनों सिरों के बीच का विभवांतर का समानुपाती होता है अथवा बंद परिपथ में प्रवाहित होने वाली धारा दि जाने वाली वोल्टेज के समानुपाती होता है जबकि वोल्टेज तथा करंट का अनुपात स्थिर होता है जो कि उस परिपथ का प्रतिरोध होता है।
ओम का नियम लागू होने के लिए आवश्यक शर्त यह है कि भौतिक अवस्था स्थिर हो।
ओम का नियम डीसी सर्किट में ही लागू होता है क्योंकि इसका मान और दिशा स्थिर होता है।
या
ओम के नियम के द्वारा तीन बेसिक इलेक्ट्रिकल क्वांटिटी करंट, वोल्टेज तथा रजिस्टेंस के बीच संबंध स्थापित होता है। इस नियम के अनुसार किसी बंद परिपथ में प्रवाहित होने वाली धारा परिपथ को दी जाने वाली वोल्टेज के समानुपाती होता है तथा उस परिपथ के प्रतिरोध के विलोमानुपाती होता है यदि तापमान और दूसरे भौतिक अवस्था स्थिर हो।
ओम के नियम के अनुसार


I ∝ V

या        V / I = Constant.

या        V / I = Resistance.

अर्थात        R = V/I

V = I ×

Ohm’s Law Calculator Wheel

FAQ’s

1. किसी बंद परिपथ से प्रवाहित होने वाली धारा परिपथ में जुड़े हुए प्रतिरोध के दोनों सिरों के बीच का विभवांतर का क्या होता है?

Ans. समानुपाती होता है।

2. ओम का नियम लागू होता है?

Ans. ओम का नियम डीसी सर्किट में ही लागू होता है क्योंकि इसका मान और दिशा स्थिर होता है।

तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके Ohm’s Law से जुड़े सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

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Metal Cutting Method

Electric Circuit

Vernier Micrometer

Wire Wounde Resistor

Metal Cutting Method

Metal Cutting Method, Abrasion, Fusion, Incision, Metal Cutting Method.

किसी धातु के आकार और आकृति में अगर कोई परिवर्तन करना होता है या किसी धातु से कोई जॉब बनाना होता है तब सबसे पहला काम उसको कटिंग करने का आता है जिसके लिए मुख्य रूप से तीन तरीके से उसे कटिंग किया जा सकता है। जो कि निम्नलिखित है।

Metal Cutting Method

Abrasion :-

धातु को कटिंग करने की इस विधि में उसे घिस घिस कर के कटिंग किया जाता है इसमें धातु छोटे-छोटे कन के रूप में बहुत कम मात्रा में काटी जाती है इसके लिए मुख्य रूप से जो टूल्स का प्रयोग किया जाता है जिसमें फाइल, ग्राइंडर है।

Fusion :-

धातु के कटिंग करने की इस विधि में धातु को काटने के लिए हिट का प्रयोग किया जाता है और हिट को जनरेट करने के लिए ऑक्सीजन और एक्टीलिन गैस का इस्तेमाल किया जाता है जिससे धातु को कटिंग करने का काम किया जाता है इस विधि में धातु मेल्ट होकर कटती है।

Incision :-

धातु के कटिंग करने की इस विधि में धातु को चीरा लगाकर काटा जाता है जिसके लिए कटिंग टूल्स का प्रयोग किया जाता है इसमें मुख्य रूप से लेथ मशीन, शेपर मशीन, ड्रिल मशीन इत्यादि का प्रयोग किया जाता है।

FAQ

1. किसी धातु को काटने के लिए जो कटिंग टूल्स को बनाया जाता है उसे मुख्य रूप से किस धातु का बनाते हैं?

Ans कटिंग टूल्स मुख्य रूप से हाई कार्बन स्टील या हाई स्पीड स्टील का बनाया जाता है।

2. गैस कटिंग में प्रयोग में लाए जाने वाले ऑक्सीजन सिलेंडर का रंग मुख्य रूप से कैसा रहता है?

Ans ऑक्सीजन सिलेंडर का रंग काला रखा जाता है।

3. गैस कटिंग में प्रयोग में लाए जाने वाले एसिटिलीन सिलेंडर का रंग है मुख्य रूप से कैसा रहता है?

Ans एसिटिलीन सिलेंडर का रंग लाल रखा जाता है।

4. एवरेशन मेथड में धातु को काटने के लिए मुख्य रूप से कौन सा औजार प्रयोग में लाया जाता है?

Ans इस विधि में मुख्य रूप से फाइल का प्रयोग है कटिंग करने के लिए किया जाता है।

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Electric Circuit

Electric Circuit, Electricity (स्रोत), Medium (चालक), Controller (स्विच), Fuse(सुरक्षा), Close Circuit, Open Circuit, Short Circuit, Leakag Circuit.

Electric Circuit

जब किसी विद्युत शक्ति खपत करने वाली उपकरण को विद्युत सप्लाई दिए जाने से धारा प्रवाहित होने का जो रास्ता बनता है उसे इलेक्ट्रिक सर्किट या विद्युत परिपथ कहते हैं इस विद्युत परिपथ के निम्न भाग होते हैं।

  • Electricity (स्रोत)
  • Medium (चालक)
  • Controller (स्विच)
  • Fuse(सुरक्षा)

Close Circuit :-

वैसा विद्युत परिपथ जिसमें सामान्य मान के प्रतिरोध को जोड़कर सामान्य इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई दिए जाने से सामान्य मान का धारा प्रवाहित होता है क्लोज सर्किट कहलाता है।

Open Circuit :-

वैसा विद्युत परिपथ जिसमें इलेक्ट्रिसिटी सोर्स तथा प्रतिरोध जुड़ा हो लेकिन परिपथ का माध्यम कहीं से खुला या टूटा हुआ हो जिसके कारण परिपथ पूरा ना हो, तो ऐसे परिपथ को ओपन सर्किट कहते हैं परिपथ खुला होने के कारण प्रतिरोध का मान बढ़कर अनंत हो जाता है जिसके कारण प्रवाहित धारा का मान शून्य हो जाता है।

Short Circuit :-

वैसा परिपथ है जिसमें विद्युत धारा का प्रवाह जोड़े गए लोड से पहले परिपथ पूरा हो जाता है शॉर्ट सर्किट कहलाता है ऐसे परिपथ में प्रवाहित धारा का मान अधिकतम हो जाता है क्योंकि रजिस्टेंस का मान बहुत कम हो जाता है इस अत्यधिक करंट के कारण उत्पन्न होने वाले ताप के कारण परिपथ में आग लग जाता है।

Leakag Circuit :-

वैसा विद्युत परिपथ जिसमें विद्युत धारा का प्रवाह चालक से ना होता हो बल्कि दूसरे किसी माध्यम से करंट का प्रवाह होता है तो ऐसे इसे लीकेज सर्किट कहते हैं ऐसे परिपथ में प्रवाहित धारा का मान बहुत कम होता है क्योंकि प्रतिरोध का मान अत्यधिक होता है।

CircuitVoltageResistanceCurrent
CloseNormalNormalNormal
OpenNormalInfinityZero
ShortNormalMaximumMaximum
LeakagNormalMaximumMinimum

FAQ

1. ओपन सर्किट में किसका मान इनफनिटी रहता हैं?

Ans. ओपन सर्किट में रजिस्टेंस का मान इनफिनिटी रहता है।

2. किसका मान इलेक्ट्रिक सभी सर्किट में नॉर्मल होता है?

Ans. वोल्टेज का मान इलेक्ट्रिक सर्किट में नॉर्मल होता है।

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Ohm’s Law

Vernier Micrometer

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Vernier Micrometer

Vernier Micrometer, Construction and graduation, Vernier Micrometre Reading

वर्कशॉप में सामान्यत: वर्नियर कैलीपर केवल 0.02mm और माइक्रोमीटर केवल 0.01mm तक का माप लेने में सक्षम होता है, लेकिन हमें इन दोनों से और अधिक एकुरेशी में मेजरमेंट करने की जब आवश्यकता होती है तो हम इस बर्नियर माइक्रोमीटर का इस्तेमाल करते हैं। जिससे 0.001mm तक की एकुरेशी में माप लिया जा

Vernier Micrometer

Construction and graduation

अगर इसके बनावट को अगर देखा जाए तो यह साधारण माइक्रोमीटर के तरह ही सभी पार्ट्स इसमें होते हैं।
अंतर सिर्फ इसका ग्रेजुएशन में होता है जिसमें डेटम लाइन के ऊपर इस वर्नियर माइक्रोमीटर में एक अतिरिक्त सामान दूरी पर वर्नियर डिविजन बने होते हैं इस प्रकार के 10 बर्नियर डिविजन लाइन के ऊपर समानांतर में चिन्हित होता है। इस 10 रेखाओं के बीच का दूरी थिम्बल डिविजन के 9 भाग के बराबर होती हैं।
10 वर्नियर स्केल का मान = 0.01mm × 9
= 0.9mm
बर्नियर भागों में का मान = 0.09mm / 100
= 0.009mm
लिस्टकाउंट = 1 थिंबल भाग – 1 वर्नियर भाग
= 0.01mm – 0.009mm
= 0.001mm या 1/1000 mm

Vernier Micrometre Reading :-

वर्नियर माइक्रोमीटर के बैरल पर दिखाई देने वाला पूरा भाग mm में = 15 mm
बैरल पर दिखाई देने वाला सबडिवीजन यदि कोई हो तो
= सब डिवीजन का संख्या
डेटम रेखा के नीचे थिंबल के भागों का मान
= 23 भाग
ध्यान दीजिए कि वर्नियर स्केल का कौन सा लाइन थिंबल के लाइन से मिल रहा है।
= तीसरा लाइन
सभी रीडिंग को एक साथ जोड़ देते हैं।

  1. बैरल पर दिखाई देने
    वाला पूरा भाग mm में 15 = 15.000 mm
  2. बैरल पर दिखाई देने
    वाला सबडिवीजन यदि
    कोई हो तो 0 = 0.000 mm
  3. डेटम रेखा के नीचे
    थिंबल के भागो का मान 23 = 0.230 mm
  4. वर्नियर कैलिपर का
    वह लाइन जो थिंबल
    के लाइन से मिलता हो 3 = 0.003 mm
    _______________
    Reading = 15.233 mm                         

FAQ

1. वर्नियर माइक्रोमीटर लीस्ट काउंट क्या होता है?

Ans वर्नियर माइक्रोमीटर लीस्ट काउंट 0.001 mm होता है?

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